Friday, October 18, 2024
Home शिक्षा जिंदल के सुरक्षा गार्डों की दादागिरी…तीन मजदूरों को कमरे में बंधक बनाकर की बेतहाशा पिटाई…लगातार पांच घँटे तक डंडे से करते रहे पुलिसिया स्टाइल में टार्चर…घायल मजदूरों की हालत बिगड़ी….एसएमएस 2 में वाल्व को बंद करने का था आरोप…साथी श्रमिकों के साथ हुए अमानवीय यातना से आक्रोशित मजदूरों ने किया धरना प्रदर्शन…बैकफुट पर आए कम्पनी मैनेजमेंट ने अपनी गलती स्वीकारी…दोषी कर्मचारियों को स्थानांतरण और घायलों का समुचित उपचार करने का दिया आश्वासन…. पुलिस ने अब तक गुनाहगार कर्मचारियों पर नहीं किया कोई एफआईआर…

जिंदल के सुरक्षा गार्डों की दादागिरी…तीन मजदूरों को कमरे में बंधक बनाकर की बेतहाशा पिटाई…लगातार पांच घँटे तक डंडे से करते रहे पुलिसिया स्टाइल में टार्चर…घायल मजदूरों की हालत बिगड़ी….एसएमएस 2 में वाल्व को बंद करने का था आरोप…साथी श्रमिकों के साथ हुए अमानवीय यातना से आक्रोशित मजदूरों ने किया धरना प्रदर्शन…बैकफुट पर आए कम्पनी मैनेजमेंट ने अपनी गलती स्वीकारी…दोषी कर्मचारियों को स्थानांतरण और घायलों का समुचित उपचार करने का दिया आश्वासन…. पुलिस ने अब तक गुनाहगार कर्मचारियों पर नहीं किया कोई एफआईआर…

by Surendra Chauhan

बदलता छत्तीसगढ़/रायगढ़/ जेएसपीएल के सुरक्षाकर्मियों की दादागिरी कम होने का नाम नही ले रही है। खुद को वर्दीधारी समझने वाले गार्ड कम्पनी के इशारे पर न सिर्फ मजदूरों के साथ मारपीट कर रहें है बल्कि उन्हें अमानवीय यातनाएं देने से भी बाज नही आ रहे है।मानव अधिकार की सारी मर्यादाओं को लांघकर लगातार कानून को अपने जूतों तले रौंद रहे है।लेकिन ताज्जुब तो यह है कि लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन करने वाले जिले के हुक्मरानों के कानों में जू भी नही रेंग रही है।नतीजतन सिक्योरिटी गार्डों की दबंगई सिलसिलेवार बढ़ती ही जा रही है। प्रशासन की इसी उदासीनता के चलते सुरक्षा गार्डों ने कम्पनी के एसएमएस 2 में सिर्फ वाल्व बंद करने के संदेह में जीई ठेका कम्पनी के तीन मजदूरों को कमरे में बंद कर लगातार 5 घण्टो तक अमानवीय यातनाएं दी। यातनाएं भी ऐसी की रूह कांप जाए। घायल तीनो मजदूरों में दो की हालत बेहद खराब है उसे अपने पैरों में खड़े होने की दिक्कतें हो रही है। नौकरी जाने के भय से श्रमिको ने चुप्पी साध रखी थी।गनीमत रहे कि किरोड़ीमलनगर के कांग्रेसी नेताओं ने मजदूरों का साथ देते हुए उनकी आवाज बुलंद की।नही तो पिछले अन्य मामलों की तरह यह मामला भी कारखाने की धुंआ उगलती चिमनी में दफन हो जाती।

इस सबंध में जानकारी अनुसार रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित पतरापाली के जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड में आज उस वक्त नाराज मजदूरों ने मोर्चा खोल दिया जब उन्हें अपने तीन साथियों की बंधक बनाकर पिटाई होनें की जानकारी मिली। कल देर रात जिंदल के ही एक सुरक्षा प्रहरी द्वारा तीन मजदूरों को न केवल जमकर मारा था बल्कि आज सुबह तडके तक उन्हें बंधक बना लिया था। जिसके चलते पतरापाली के मुख्य द्वार के सामने सैकड़ो मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोषी सुरक्षा गार्ड के उपर कार्रवाई की मांग की। साथ ही साथ पूरे मामले की जांच करने का भी मांग की। इस संबंध में कोतरा रोड पुलिस थाने में कोई लिखित शिकायत नही हुई है और न ही जिंदल प्रबंधन इस मामले में कुछ कह रहा है।
जिस मजदूर की जिंदल के गार्ड ने जमकर पिटाई की है उसने बताया कि प्लांट के अंदर एसएमएस टू में हाईड्रोलिक सिस्टम है। कोई उस वाल का बंद कर दिया था जिसका केस हमारे पास आया था। हम और हमारे लोग दूसरे साईड में काम कर रहे थे। एक आदमी नीचे में काम कर रहा था और दूसरा आदमी उपर में काम कर रहा था। नीचे में काम करने वाला आदमी पुराना था और उपर में काम करने वाला नया था। इस दौरान उन्होंने देखा कि मुखर्जी सर और रवि सर दौड़ते हुए वहां पहुंचे और उसे नही पता था कि वाल कहां बंद है फिर मुखर्जी सर वाल खोले हैं फिर मशीन चालू हुआ। इसके बाद पता कौन 7 और 8 नंबर का वाल बंद कर दिया था। जिसके बाद कास्टिंग बंद हुआ जिसका वीडियो भी बना है और वीडियो में मै नही था।
पीड़ित ने यह भी बताया कि बावजूद जिंदल कंपनी का एक सिक्यूरिटी गार्ड अपने साथ बुलाकर सेंटर बेरियर ले जाकर कमरे में बंद करके तीन लोगों की जमकर पिटाई की। जिंदल के सुरक्षा गार्ड ने राजकिशोर, श्रीवास शेट्टी के अलावा मेरे को रात डेढ़ बजे लेकर गए थे और वाल बंद करने की बात स्वीकारने की बात कहते हुए मारपीट करने के बाद सुबह-सुबह साढ़े 5 बजे उन्हें छोड़े हैं।
क्या कहते हैं कोतरा रोड थाना प्रभारी
पतरापाली स्थित जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड के तीन मजदूरों को बंधक बनाकर मारपीट करने के मामले में कोतरा रोड थाना प्रभारी त्रिनाथ त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है और अभी तक किसी ने भी थाने में लिखित या मौखिक शिकायत नही की है। अगर शिकायत आती है जो पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
नौकरी जाने का भय ,नही लेने दी तस्वीर

पिछले बार हुए श्रमिको के आंदोलन में वीडियो और तस्वीर में शिनाख्त कर मजदूरों को काम से बाहर निकाल दिया गया था। यही वजह थी कि इस बार हुए आंदोलन में श्रमिकों ने नौकरी जाने के भय से वीडियो और तस्वीरों को लेने से मना कर दिया। कुछेक सिक्योरिटी गार्डों ने वीडियो बनाने की कोशिश की जिन्हें पिटाई कर वापस खदेड़ दिया।।

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