रायगढ़।। सूत्रों के हवाले से रायगढ़ जिले के एक बड़े औद्योगिक समूह से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। दरअसल इस उद्योग के कॉंट्रेक्ट हेड जीएम स्तर के उच्च अधिकारी को रिश्वतखोरी के मामले में मैनेजमेंट ने लपेटे में लिया है। पूरे मामले का खुलासा वेंडर की शिकायत के बाद हुआ है। ऊंचे स्तर पर हुए रिश्वतखोरी का मामला सामने आते ही मैनेजमेंट ने फ़ौरी तौर पर समूह के सभी इकाइयों में रिश्वत की डिमांड या फिर वेंडरों को बेवजह परेशान करने वाले अधिकारियों के संबंध में सीधी जानकारी के लिए एक टोल फ्री नम्बर भी जारी किया है।जिसमें किसी भी तरह की शिकायत होने पर त्वरित रूप से कार्रवाई करने का फरमान है। बहरहाल रिश्वत के मामले में अब तक सरकारी सेक्टरों पर ही सवालों की अंगुली उठती थी। लेकिन जिस तरह से पहली बार प्राइवेट सेक्टर में रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ है।उससे तो इतना साफ है कि सरकारी कार्यालयों की तरह निजी उपक्रमों में भी बगैर चढ़ावा के किसी तरह के टेंडर या ठेके की उम्मीद न के बराबर है।अलग बात है कि इन क्षेत्रों में वेंडरों या पीड़ितों के द्वारा शिकायत करना जरूरी नही समझा जाता था। या फिर मैनेजमेंट द्वारा मामला सामने के बाद भी संस्था की बदनामी को रोकने मामले को गुप चुप तरीके से दबा दिया जाता था।।
हर महीना दो लाख का चढ़ावा
बताया जाता है कि कॉंटेक्ट सेल के इस उच्च अधिकारी ने हर महीने 2 लाख रूपये में सौदा फिक्स किया था। निर्धारित समय पर वेंडर उसे तय रकम मुहैया करा रहा था।इसी शर्त पर उसके ठेके की अवधि और कार्य को बढ़ाया जा रहा था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से रिश्वत की रकम बढ़ाने अधिकारी द्वारा प्रेशर दिया जा रहा था। इससे नाराज ठेकेदार ने मैनेजमेंट से मामले की शिकायत की।जिसके बाद पूरी रणनीति के साथ अधिकारी को रूपये लेते धर दबोच लिया गया।।