Saturday, March 8, 2025
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लेडी सिंघम…जो अपने शर्तो पर नौकरी करना पसंद करती है…हसरत थी क्रिकेट प्लेयर बनकर देश का नाम रौशन करें.. लेकिन बन गई इंस्पेक्टर… पब्लिक के बीच ऐसा क्रेज हमेशा थानों में मिली डबल पोस्टिंग…कर्तब्य परायणता को लेकर बेहद सजग इंस्पेक्टर कमला पुसाम की गिनती, जिले के तेज तर्रार पुलिस अधिकारी की…

by Surendra Chauhan

बदलता छत्तीसगढ़।रायगढ

जिद और जुनून की ऐसी कहानी जो अब तक आपने सिर्फ फिल्मों में ही देखा होगा।आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ,,बदलता छत्तीसगढ़,, आपको ऐसी लेडी सिंघम से मुखातिब कराने जा रहा है जिसने अपने अदम्य साहस और जुनून के बलबूते जिस भी फील्ड में कदम रखा यक़ी मानिए वहाँ सफलता के झंडे ही गाड़े।चाहे फिर वह खेल का मैदान हो या फिर पुलिस विभाग हर जगह सिर्फ एक ही नाम की गूंज थी।और वह नाम था कमला पुसाम ठाकुर।वही इंस्पेक्टर कमला पुसाम जिसके नाम से धरमजयगढ़ के क्रिमिनल अपनी मांद में दुबकने मजबूर हो गए है।

कबीरधाम जिले के एक छोटे से गांव में किसान पिता के घर जन्म लेने वाली इंस्पेक्टर कमला की हसरत एक खिलाड़ी बनकर देश का नाम रौशन करने की थी। इसलिए खेल के मैदान में जब भी उसे मौका मिला उसने अपना सौ फीसदी ही दिया।। कबड्डी की वह अव्वल दर्जे की रेडर थी। जब भी वह स्ट्राइक रेडर बनकर विपक्षी खेमे में जाती हलचल मचाकर ही लौटती थी। कबड्डी तक ही वह सीमित नही थी बल्कि क्रिकेट में तो उन्होंने बतौर सलामी बल्लेबाज राज्य स्तर तक धूम मचाई। क्रिकेट की स्टेट प्लेयर रह चुकी इंस्पेक्टर पुसाम ने यही से टर्निंग पॉइंट लिया और वह टर्निंग पॉइंट था पुलिस विभाग की नौकरी।।

छोड़ी पुलिस की नौकरी

प्रतिभा और आत्मविश्वास का जब कॉम्बिनेशन हो तो कामयाबी झक मारकर कदम चूमेगी।कुछ ऐसा ही इंस्पेक्टर कमला के साथ हुआ।वर्ष 2003 में जेल प्रहरी और आरक्षक की नौकरी दरवाजे पर खड़ी थी।लेकिन उन्होंने दरवाजा खोलने के बजाय दरवाजा बंद कर दिया। और जुट गई फिर से अपने मिशन में।और वह दिन आया पांच सालों के लंबे अंतराल के बाद जब वर्ष 2008 में सब इंस्पेक्टर के इम्तिहान में अव्वल नम्बरों से परीक्षा पास कर उसने अपने गांव समेत कबीरधाम जिले को गौरान्वित होने का मौका दे दिया।।

थाने में पोस्टिंग मतलब क्रिमिनलो में हड़कंप

क्राइम और क्रिमिनल को नापसंद करने वाली इंस्पेक्टर पुसाम की पोस्टिंग राजधानी रायपुर से लेकर बिलासपुर कोंडागांव, धमतरी कांकेर मुंगेली आरंग जैसे एक दर्जन से अधिक थानों में हुई। हमेशा उन्हें अपने थाना क्षेत्रों में पब्लिक का बेशुमार प्यार मिला।पब्लिक डिमांड ऐसी थी कि अधिकांश थानों में उन्हें वापस डबल पोस्टिंग ही दी गई। कर्तब्य परायणता को लेकर हमेशा सजग तो रहती है कोशिश यह भी होती है किसी निर्दोष को सजा न मिले।इसके लिए वह हरेक मामलों की जांच बड़ी ही बारीकी से करती है। इंस्पेक्टर पुसाम की सबसे बड़ी खासियत उनका नारियल की तरह व्यवहार है।जो बाहर से तो बेहद सख्त और अनुशासित नजर आता है लेकिन भीतर से बेहद कोमल। गरीबों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली कमला के पास वक्त ऐसा भी आता है जब न्याय की आस में थाने की चौखट में आने वाले अधिकांश गरीब फरियादियों को भोजन कराएं बगैर जाने नही देती।

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