बदलता छत्तीसगढ़/रायगढ़
प्लांट मैनेजमेंट और पुलिस के संयुक्त प्रयासों के बाद आखिरकार जेएसडब्ल्यू में हुई बहुप्रतीक्षित ब्लेड चोरी कांड का पर्दाफाश हो गया। दरअसल इस पूरी साजिश के पीछे किसी और का नही बल्कि कम्पनी के ही पूर्व कर्मचारी सूर्य प्रताप सिंह का हाथ था,जिसने कांटा ऑपरेटरो के साथ मिलकर पूरी घटना को सिलसिलेवार तरीके से अंजाम दिया था। चोरी हुई ब्लेड की कीमत 21 लाख बाजार मूल्य बताई जा रही है। फरार मास्टरमाइंड सूर्यप्रताप की गिरफ्तारी के बाद और कितनी ट्रक गायब हुई है।इसका खुलासा हो पायेगा।
ओड़िसा के झारसुगड़ा स्थित भूषण स्टील प्लांट से जेएसडब्ल्यू नहरपाली को कीमती ब्लेड ट्रांस्पोर्टिंग की जिम्मेदारी कोरबा के ट्रांसपोर्टर जय बालाजी को दिया गया था। पिछले दिनों ब्लेड लेकर सम्बंधित ट्रांसपोर्टर की तीन ट्रक जेएसडब्ल्यू के लिए निकली।इसमें दो दो ट्रक तो पहुंची,लेकिन तीसरी ट्रक मयमाल समेत रास्ते मे ही गायब हो गई। इधर खोजबीन हुई तो वही गायब ट्रक की एंट्री प्लांट में दिखी।
सिक्योरिटी थी अलर्ट,तब खुला राज
सिक्योरिटी अलर्टमोड में थी।इसलिए तीसरे ट्रक की एंट्री दिखने के बाद भी डॉक्युमेंट और जीपीएस लोकेशन को देख संदेह की सुई घूमी। ऐसे में सिक्योरिटी चीफ दत्ता एन्ड टीम ने जब गहनता से छानबीन की तो पूरे मामले में छाया धुंध स्वमेव छट गया।। क्योंकि गाड़ी एंट्री तो दिखा रही थी लेकिन वापसी और रिसीविंग डॉक्युमेंट में गड़बड़ी नजर आई।और इसी क्लू ने पूरे चोरी कांड का पर्दाफाश कर दिया।
ऐसे हुई थी चोरी
जीपीएस लोकेशन का फायदा उठाकर पूरी घटना को अंजाम देने की रणनीति बनाई गई थी। इसलिए ब्लेड लेकर जब तीसरी ट्रक निकली तो बीच रास्ते मे ही गाड़ी का जीपीएस निकाल उसे चार वाहन में निकाल दिया गया और सिक्योरिटी की आंखों में धूल झोंकते हुए जीपीएस को प्लांट के भीतर वेट ब्रिज तक ले जाया गया।इधर पहले से तैयार बैठे कांटा ऑपरेटर पुष्कर तिवारी और अमन अनजय ने फर्जी तौल दिखाते हुए तौल की रिसीविंग पर्ची भी बनाकर दे दी।।
प्लांट मैनेजमेंट ने दिखाया दम
जेएसडब्ल्यू में हुई चोरीकांड की भनक मिलने के बाद प्लांट मैनेजमेंट ने पूरे मामले को पारदर्शिता रखते हुए न सिर्फ दबाव बनाया बल्कि पुलिस को सूचना देते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। यह प्लांट मैनेजमेंट और भूपदेवपुर पुलिस की संयुक्त कोशिशों के ही नतीजा था कि ब्लेड चोरी के मामले का खुलासा 48 घण्टे के भीतर हो गया। बहरहाल प्लांट के चप्पे चप्पे पर प्रबंधन द्वारा घटना की पुनरावृत्ति रोकने सिक्योरिटी को और अधिक चौकस रहने के निर्देश दे दिए गए है।
कौन है सूर्यप्रताप
मूलतः बिहार का रहने वाला सूर्यप्रताप सिंह जेएसडब्ल्यू का पहले कर्मचारी था।कांटा ऑपरेटर के पद पर उसकी नौकरी थी। शॉर्टकट तरीके से रुपये कमाने के चक्कर मे जेएसडब्ल्यू में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर आयरन,स्पंज ब्लेड और अन्य चोरियों को अंजाम देता था। कुछ सालों पहले एक चोरीकांड में उसकी संलिप्ता उजागर होने के बाद मैनेजमेंट ने उसके खिलाफ एफआईआर कर उसे कम्पनी से बाहर का रास्ता दिखाया था। इसलिए कम्पनी से अपना बदला लेने के लिए सूर्यप्रताप किरोड़ीमलनगर में ही रहकर अपना एक अलग चोर गिरोह बनाया हुआ था।इस गैंग के द्वारा ही जेएसडब्ल्यू में हुई अब तक की अधिकांश चोरियों को अंजाम दिया गया था।बहरहाल पुलिस ने पुष्कर और अमन के खिलाफ अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया है।जबकि पूरे मामले का मास्टरमाइंड सूर्यप्रताप अपने साथियों समेत फरार हो गया है।जिसकी गिरफ्तारी होने के बाद घटना में शामिल अन्य आरोपियों के नाम सामने आएंगे।
क्या कहता है प्रबंधन
जेएसडब्ल्यू के एच आर प्रमुख नवीन ओझा का साफतौर से कहना है कि प्रबंधन किसी भी तरह की चोरी और हेराफेरी को बर्दाश्त नही करता।कंपनी की साख और उसे नुकसान पहुंचाने वालों को कम्पनी से बाहर और जेल का ही रास्ता दिखाया जाएगा। इसी मद्देननर गड़बड़ी रोकने और अधिक सर्तकता और सुरक्षा संबंधी उपाय किए जा रहे है।।