
बदलता छत्तीसगढ़।रायगढ़। सूदखोर विरेन्द्र तोमर मामले की स्याही अभी ठीक ढंग सुख भी नही पाई है और रायगढ़ जिले में एक सूदखोरी का और सनसनीखेज मामला सामने आया है।सूदखोर इस बार खरसिया विधानसभा क्षेत्र का है।बड़ी बात तो यह है कि सूदखोरी का कारोबार करने वाला यह शख्स न सिर्फ कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार है बल्कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी है।जिसके द्वारा बिलासपुर पंचायत के आदिवासी सरपंच को निशाना बनाते हुए अपने घर मे पांच घण्टे तक बंधक बनाकर उसे शारीरिक यातनाएं देने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित आदिवासी सरपंच ने इंसाफ की फरियाद लगाते हुए एसपी दिव्यांग पटेल का दरवाजा खटखटाया है।
चक्रवृद्धि ब्याज का कहर
आदिवासी सरपंच का साफतौर से कहना है कि 25 हजार के बदले 65 हजार रुपये दिया जा चुका है,लेकिन फिर भी 1लाख 29 हजार चक्रवृद्धि ब्याज शेष बताया जा रहा है।यह रकम उस जैसे गरीब आदिवासी के लिए चुकता कर पाना नामुमकिन है। बावजूद इसके ब्याज लेने के लिए जिस तरह उसके ऊपर मानसिक दबाव बनाने के साथ साथ जैसे प्रताड़ित किया जा रहा है उससे वह बुरी तरह परेशान हो चुका है।हद तो यह है कि उक्त कांग्रेसी नेता द्वारा मुरा स्थित अपने गांव के एक कमरे में जबरन पांच घण्टे तक बंधक बनाकर जिस तरह से आदिवासी सरपंच को प्रताड़ित किया गया।उससे छेदीलाल पूरी तरह से भयाक्रांत हो गया है।

