रायगढ़।
जाति प्रथा को मिटाने भले ही सरकार लाख जतन करे। हकीकत तो यही है समाज मे फैले दकियानूसी सोच से जकड़े लोग आज भी कुप्रथाओं के जकड़ में है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमे अंतरजातीय विवाह से खफा हुए ग्रामीणों ने महिला की मौत होने पर कांधा देने से भी मना कर दिया। हालांकि इस पूरे मामले में पुलिस ने इंसानियत का फर्ज अदा करते हुए न सिर्फ विधिवत अंतिम संस्कार किया बल्कि बाकायदा थाना प्रभारी ने मुखाग्नि भी दी। पूरा मामला भूपदेवपुर थाना क्षेत्र के लोढाझर गांव का है। बताया जाता है कि गांव के मुन्ना दास बैरागी ने समाज के विपरीत जाकर एक यादव समाज की महिला से विवाह कर लिया था। अंतरजातीय विवाह से ग्रामीण इस कदर खफा हुए की उन्होंने मुन्ना और उसके परिवार से हमेशा के लिए नाता ही तोड़ दिया। समाज के इस रूखे व्यवहार से ख़ौफ़ज़दा बैरागी परिवार ने गांव में रहना ही छोड़ दिया। लेकिन जब मुन्ना के पत्नी की मौत हुई तो अंतिम संस्कार गांव में ही करने की अंतिम इच्छा पूरी करने महिला की लाश को गांव लाया गया। उम्मीद थी कि मौत के बाद समाज और ग्रामीणों का साथ मिलेगा। लेकिन विडम्बना तो यह थी कि पूरे गांव में शव को उठाने एक भी शख्स सामने नही आया। ऐसे में मामले की जानकारी जब भूपदेवपुर थाना प्रभारी गिरधारी साव को हुई तो न सिर्फ जवानों को साथ लेकर महिला के शव को कांधा दिया बल्कि खुद थाना प्रभारी ने मुखाग्नि भी दी। पुलिस के इस कार्य की क्षेत्र में भूरी भूरी प्रसंशा की जा रही है।