रायगढ़। खरसिया विधानसभा में इस बार समीकरण बिगड़ने के पूरे आसार है। अब तक कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही आमने सामने की भिड़ंत होती थी।लेकिन इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही है। इसकी असल वजह आम आदमी पार्टी है,जिसने खरसिया विधानसभा से कांग्रेस के युवा नेता और कलार समाज के प्रदेश अध्यक्ष विजय जायसवाल पर डोरे डालना शुरू कर दिया है। ये वही विजय जायसवाल है जिनकी पत्नी कांग्रेस से ही जिला पंचायत सदस्य है। विजय को आप से टिकट मिलता है। खरसिया में फिर से चुनावी घमासान मचने की पूरी संभावना है। भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि आम आदमी पार्टी ने चर्चा के दौर को खत्म करते हुए उम्मीदवार बनाने फाइनल तैयारी शुरू कर दी है।
बरगढ़ खोला का रोल अहम
कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले खरसिया विधानसभा में बरगढ़ खोला क्षेत्र का रोल काफी अहम है। कांग्रेस को सबसे अधिक बढ़त इसी क्षेत्र से मिलती है। 52 गांव के इस क्षेत्र में आदिवासियों का वर्चस्व सबसे अधिक है। यहां बताना जरूरी होगा कि बरगढ़ खोला क्षेत्र में विजय जायसवाल की पकड़ काफी मजबूत है। आप उम्मीदवार बनने की सूरत में सबसे अधिक प्रभावित यही क्षेत्र होगा।
बागी तेवर विजय के
विजय जायसवाल के तेवर शुरू से ही बागी के रहे है। पिछले बार चुनाव में जोगी कांग्रेस से उम्मीदवार बनना तय हुआ था। लेकिन ऐन टाइम पर विजय ने कांग्रेस का झंडा बुलंद करते हुए विधायक उमेश पटेल का साथ दिया था। बाद में कलार समाज और सर्व समाज का गठन करते हुए समाजिक पृष्ठभूमि को मजबूत करना शुरू कर दिया था। बता दे खरसिया विधानसभा में कलार समाज के मतदाताओं की संख्या 20 हजार के आसपास है। लिहाजा आप से टिकट मिलने की दशा में जाहिर है समाज का समर्थन भी सबसे अधिक मिलेगा।
साहू समाज पर नजर
विधानसभा चुनाव का शंखनाद होते ही राजनीतिक दलों ने अपने अपने तरकश से तीर निकालने की शुरुआत कर दी। पहल भाजपा ने की है। जिसने खरसिया विधानसभा से कद्दावर नेता और सूबे के कैबिनेट मंत्री उमेश पटेल को सीधी टक्कर देने के लिए पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी की जगह जमीनी नेता महेश साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब साहू समाज को प्रतिनिधित्व का अवसर दिया गया है। यही वजह है कि साहू बाहुल्य इलाको पर कांग्रेस विशेष नजर फोकस कर रही है।