रायगढ़। अतिरिक्त सत्र न्यायालय श्री जीतेन्द्र कुमार ठाकुर ने एक महिला की हत्या के आरोप में चार आरोपियों को आजीवन कारावास एक आरोपी को 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। इस प्रकरण में अपर लोक अभियोजक श्रीमती विमला महंत और तत्कालीन थाना प्रभारी उत्तम साहू की विवेचना और प्रकरण की सूक्ष्म जांच कर हत्या की सूक्ष्म बारीकी और आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ कर न्यायालय में प्रकरण को पेश किया था, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एवं समाज में महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अत्याचार के खिलाफ इस प्रकरण में सटीक तर्क प्रस्तुत किए जिससे मृतका को रायगढ़ न्यायालय में न्याय मिल सका और दोषियों को जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
घटना दिनांक 05/12/2019 की है, उस दिन भूपदेवपुर थाना क्षेत्र के ग्राम छोटे देवरी में सुबह 11.20 बजे तालाब के पास बने नाली में झाड़ियों के बीच एक महिला की निर्वस्त्र हालत में शव देखा गया था इस पर तात्कालीन भूपदेवपुर थाना प्रभारी साहू ने अपने थाना स्टाफ के साथ जांच किया जिसमें पाया गया कि गंगोत्री बघेल के सिर को दीवाल पर पाया गया कि गंगोत्री बघेल के सिर को दीवाल पर पटक-पटक कर उसकी हत्या कर दी गई है और सबूत मिटाने के उद्धेश्य से आरोपियों ने उसके शव को घटना स्थल से हटाकर तालाब के पास फेंक दिया है। जांच के दौरान उसी घर के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिसमें मृतका के पति सहित सास, ससुर, ननद व देवर थे। पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ तो पता चला कि हीरालाल बघेल और इसकी पत्नी तिहारिन बाई बघेल हीरालाल की बेटी कौशिल्या बघेल, हीरालाल का छोटा बेटा सुनील बघेल एवं मृतका का पति मनोहर बघेल ने वीसा पॉवर प्लांट के मुआवजा का हिस्सा बंटवारा की रकम लेने के विवाद पर मृतका को पकड़कर उसका सिर दीवार में पटक-पटक कर मारा जिससे उसकी मृत्यु हो गयी, तब पकड़े जाने के भय से हत्या का सबूत मिटाने सभी ने मिलकर मृतका के शव को तालाब के पास झाड़ियों के बीच नाली में फेंक दिया था।
भूपदेवपुर पुलिस ने उक्त सभी आरोपियों पर धारा 302 एवं साक्ष्य मिटाने की धारा 201 के तहत मामला पंजीबद्ध खरसिया के न्यायालय श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी खरसिया तनु श्री गबेल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था जहां से यह प्रकरण सत्र न्यायालय रायगढ़ को ट्रांसफर किया गया।
इस मामले में न्यायालय में दोनों पक्षों की ओर से सबूत और गवाह प्रस्तुत किए गए एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क न्यायालय के समक्ष रखे जिसके बाद दिनांक – 24/02/2024 को रायगढ़ के अतिरिक्त सत्र न्यायालय श्री जीतेन्द्र कुमार ठाकुर ने पति को जहां हत्या के दोष से मुक्त करते हुए सबूतों से छेड़छाड़ का आरोपी पाया और उसे 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई वहीं मृतका के सास- ससुर, देवर व ननद कुल 4 आरोपियों को हत्या के अपराध एवं सबूतों को मिटाने का दोषी पाया।