रायगढ़।शहर के होटल और रेस्टोरेंट्स में आबकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कई होटल और रेस्टोरेंट में खुलेआम शराब परोसी जा रही है। विभाग के अधिकारी भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे इनकी मिलीभगत की आशंका भी है। होटल और रेस्टोरेंट संचालक इतने बेखौफ हैं कि वे किसी तरह अधिकृत लाइसेंस लेना भी जरूरी नही समझ रहे।
इसे आबकारी महकमें की मेहरबानी कहे या फिर पुलिस की दरियादिली पिछले कई सालों से जिले के नामचीन होटलों में बगैर लाईसेंस के बार संचालित होने के बाद भी कोई कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा गया है। इससे जंहा सरकार को लाखों का सीधा नुकसान तो हो रहा है वही होटल संचालक रोजाना वारा न्यारा कर रहें है। आपको आश्चर्य होगा की शहर से सटे गोरखा में संचालित होटल जानकी में पिछले कई सालों से बिना किसी लाइसेंस के शराब परोसा जा रहा है। मामले की तह तक जाने हमारे रिपोर्टर ने अघोषित रूप से चलने वाले गार्डन बार का जायजा लिया। बड़ी हैरानी की बात तो यह थी शाम 7 बजे के बाद जिस तरह गार्डन बार मे शराब के तलबगारों की भीड़ थी और उन्हें जिस तरह उनकी मनपसंद ब्रांड मुहैया कराया जा रहा था। देखकर ऐसा नही लगा कि इन्हें किसी बात का कोई ख़ौफ़ है। बताया जाता है कि बिंदास और बेख़ौफ़ होकर शराब बिक्री का सिलसिला कई सालों से बदस्तूर जारी है।। सबूत के तौर हमारे रिपोर्टर ने मौका ए वारदात से न सिर्फ फोटोग्राफ्स लिया बल्कि वीडियो भी बनाया है।।
सरकार का चेहरा बदला लेकिन सीरत वही
भले ही प्रदेश में भूपेश राज के बाद अब विष्णु राज आ गया है,लेकिन अवैध शराब की बिक्री के मामले में छिट पुट कार्रवाई को छोड़ दे तो स्थिति पहले जैसी ही है। यह मामला अकेले किसी होटल का नही बल्कि नामचीन कहे जाने वाले अधिकांश होटल का है। ढाबा की तो बात करना ही बेमानी है। ढाबा संचालकों को अभयदान देकर रखा गया है। इस अभयदान का नज़ारा उर्दना पुलिस लाइन से चंद कदमों की दूरी पर वेलकम ढाबा को देखकर लगाया जा सकता है।