Saturday, July 27, 2024
Home शिक्षा छत्तीसगढ़ विजन 2047 के मंच पर प्रदेश को विकासशील से विकसित बनाने एकत्रित हुए औद्योगिक घराने…वित्त मंत्री ओपी चौधरी के साथ की गई पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास के रोड मैप पर चर्चा…..कैबिनेट मंत्री ओपी ने कहा कर्नाटक के बेलारी जेएसडब्ल्यू जैसे मॉडल प्लांट बनाने की जरूरत… देश का पहला औद्योगिक संस्थान जिसे उद्योग नही बल्कि गार्डन उद्योग के रूप में मिली है पहचान..देशभर में है चर्चा…..

छत्तीसगढ़ विजन 2047 के मंच पर प्रदेश को विकासशील से विकसित बनाने एकत्रित हुए औद्योगिक घराने…वित्त मंत्री ओपी चौधरी के साथ की गई पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास के रोड मैप पर चर्चा…..कैबिनेट मंत्री ओपी ने कहा कर्नाटक के बेलारी जेएसडब्ल्यू जैसे मॉडल प्लांट बनाने की जरूरत… देश का पहला औद्योगिक संस्थान जिसे उद्योग नही बल्कि गार्डन उद्योग के रूप में मिली है पहचान..देशभर में है चर्चा…..

by Surendra Chauhan

रायगढ़।भारत में कर्नाटक के बेलारी स्थित जेएसडब्ल्यू पहली ऐसी इकाई है ,जिसकी हरियाली लोगों को आकर्षित कर रही है। यह देशभर में चर्चा का विषय है। हर कम्पनी को इस कारखाने के मॉडल का अनुशरण करना चाहिए। उपरोक्त बातें वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आयोजित रोड मैप चर्चा के दौरान कम्पनियों प्रतिनिधियों को किए गए अपने संबोधन में कही। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के कई कारखाना प्रबंधन ऐसे है जो सिर्फ बिजली खर्चे को बचाने के लिए ईएसपी बंद कर पूरे पर्यावरण को प्रदूषण की आग में झोंक रहे है।इस प्रदूषण से पर्यावरण तो तबाह हो ही रहा है बल्कि इसका सीधा और प्रत्यक्ष नुकसान इंसानों को हो रहा है। औऱ यह सबकुछ सिर्फ और सिर्फ बिजली के चंद खर्चे को बचाने के लिए हो रहा है। ऐसा नही होना चाहिए। इससे पहले सूबे की राजधानी रायपुर में आज प्रदेशभर के औद्योगिक संस्थान के प्रबंधकों का मेला लगा था। इस विशेष मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में वित्त एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी भी पहुंचे हुए थे।मौका था छत्तीसगढ़ विजन 2047..पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ विकास के रोड मैप पर चर्चा।। आयोजन के पीछे मंशा थी कि कारखानों के प्रदूषण को कम कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक स्वच्छ वातावरण तैयार किया जा सके। इसके साथ ही विकास को भी पूरी प्लानिंग के तहत पूरी रफ्तार के साथ धरातल पर उतारा जा सके। कार्यक्रम में जिंदल ग्रुप,जेएसडब्ल्यू,मोनेट,हीरा ग्रुप सहित कई बड़ी और नामी विरामी कम्पनियों के प्रबंधकों ने अपनी राय रखी। साथ ही छत्तीसगढ़ के लिए होने वाले विकास में अपनी भागीदारी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की।

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