Monday, March 10, 2025
Home शिक्षा एसकेएस का ग्रामीणों की सड़क पर बेजा कब्जा..100 से अधिक ट्रकों को सड़क के किनारों में खड़ी की ट्रक…ग्रामीणों के विरोध पर मारपीट से लेकर जान से मारने की दे रहे धमकी…समीपस्थ गांवों में दहशत…स्थिति कायम रही तो दर्रामुड़ा बलवाकांड की हो सकती है पुनरावृत्ति… ग्रामीणों ने पुलिस से की शिकायत.. बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन करने के बजाय पुलिस सिर्फ जांच की खानापूर्ति में कर रही ध्यान फोकस…

एसकेएस का ग्रामीणों की सड़क पर बेजा कब्जा..100 से अधिक ट्रकों को सड़क के किनारों में खड़ी की ट्रक…ग्रामीणों के विरोध पर मारपीट से लेकर जान से मारने की दे रहे धमकी…समीपस्थ गांवों में दहशत…स्थिति कायम रही तो दर्रामुड़ा बलवाकांड की हो सकती है पुनरावृत्ति… ग्रामीणों ने पुलिस से की शिकायत.. बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन करने के बजाय पुलिस सिर्फ जांच की खानापूर्ति में कर रही ध्यान फोकस…

by Surendra Chauhan

रायगढ़। राख के नीचे दबी चिंगारी की तरह एक बार फिर एसकेएस के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश धीरे धीरे सही लेकिन सुलगने लगा है। अब इंतजार उस हवा के झोंके का है,जिसके एक झोंके से आक्रोश की ज्वाला भभक उठेगी।और इसके एलान ए जंग का बकायदा बिगुल भी बज चुका है। दरअसल कोयला ट्रांसपोर्टिंग के लिए इन दिनों कोयला परिवहन करने वाले ट्रकों की भरमार है। एसकेएस जाने वाली ट्रकों की संख्या 100 से अधिक है। एक साथ इतनी अधिक गाड़िया आ जाने पर मैनेजमेंट के पास उन्हें पार्किंग करने के लिए पर्याप्त जगह का अभाव है। लिहाजा पार्किंग के अभाव में ट्रकों को गांव जाने वाली मुख्य मार्गो पर खड़ा किया जा रहा है। इससे प्रत्यक्ष रूप से परेशानी ग्रामीणों को हो रही है। जिन्हें कृषि कार्य से लेकर आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

विरोध ,हुई मारपीट

दर्रामुड़ा जाने वाली ट्रको को कुररूभाटा होकर गुजरना पड़ रहा है। कुररूभाटा के पीला बाबू पटेल के घर सामने दोनों साइड से ट्रको को खड़ी कर दिया गया था। जाम की इस स्थिति के चलते पिला बाबू ने ट्रको को घर के सामने से हटाने को कहा। ग्रामीण द्वारा इस तरह ट्रक हटाने से लेकर नाराज एसकेएस कम्पनी के ट्रांसपोर्टरों ने मिलकर ग्रामीण से न सिर्फ मारपीट की बल्कि उसे घर से उठा लेने धमकी भी दी है। कम्पनी के गुर्गों द्वारा इस तरह धमकी देने से भयभीत ग्रामीण ने भूपदेवपुर पुलिस से शिकायत की है। जिस पर पुलिस ने हुकुम सिंह और विकास जायसवाल के खिलाफ धारा 323 ,506,294 34 के तहत जुर्म दर्ज किया है।

चौपालों में बैठक

ग्रामीण के साथ मारपीट के विरोध में आसपास के गांव में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। जोकि एक बड़े आंदोलन को लेकर संकेत दे रहा है। यहां बताना जरूरी होगा एसकेएस के खिलाफ हुए इसी तरह के एक आंदोलन में जबरदस्त बवाल मचा था। आलम यह था कि कम्पनी मैनेजमेंट के उच्च अधिकारियों को मई महीने की तपती धूप में। नंगे पांव लगातार 8 घण्टे तक खड़े रहने पर विवश कर दिया गया था। शायद ऐसी घटनाओं से प्रबंधन ने कोई सबक नहीं लिया है।

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