“”रायगढ़।बदलता छत्तीसगढ़। एक समय था जब भूपदेवपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में महिलाएं चूल्हा चौका तक ही सीमित रहती थी। वे कुछ करना चाहती थी लेकिन उपयुक्त माहौल और उचित प्लेटफॉर्म न मिलने की वजह से घरों की चारदीवारी तक ही कैद थी।ऐसे में अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत जेएसडब्ल्यू ने नवरत्न गावो में निशुल्क सिलाई सेंटर की शुरूआत की।प्रारम्भिक दौर में दर्ज संख्या नगण्य थी।लेकिन उच्चकोटि के प्रशिक्षण और कुशल प्रशिक्षक के बलबूते सिलाई सेंटरो में महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी।आज इन सेंटरो में हॉउसफुल की स्थिति है। एडमिशन फूल के तख्ती लटकने लगे है। भले ही कम्पनी सीएसआर के तहत इस कार्य को कर रही है,लेकिन इसका जबरदस्त फायदा महिलाओं को हुआ है।वे अब सिलाई कढ़ाई बुनाई सीखने के बाद स्वालंबी और आत्मनिर्भर बन रही है। पिछले दिनों खरसिया एसडीएम प्रियंका वर्मा के मुख्य आतिथ्य में दक्षता प्राप्त महिलाओं को सिलाई में पारंगत होने पर सर्टिफिकेट वितरण किए गए। इसके साथ सरोवर धरोवर के तहत जल संरक्षण के लिए लोढाझर और सलिहाभाटा जैसे गांवों में बकायदा पोकलेन मशीनों से गहरीकरण के कार्य को भी बखूबी अंजाम दिया जा रहा है।कंपनी मैनेजमेंट ने बताया कि आने वाले दिनों में गोद लिए गावो में विकास की रफ्तार बढ़ेगी।इसके लिए बाकायदा मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है।चाहे फिर वह स्कूलों में बाउंड्री निर्माण हो या फिर,मुक्तिधाम,तालाबो का संवर्धन,कांक्रीट सड़क,पानी टँकी,स्वच्छ जल की समुचित व्यवस्था। ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने मैनेजमेंट तत्पर और सजग है।