“”रात के अंधेरे में एकाएक शहर की सड़कों पर दबाव बढ़ गया है।भारी वाहनों के बीच रेला इस कदर है कि जूटमिल से लेकर कलेक्ट्रेट,पहाड़ मंदिर रास्ते तक जाम की स्थिति निर्मित हो गई है। रिहायशी और पॉश एरिया में धड़ल्ले से दौड़ रही इन ट्रको से हादसे घटित होने की पूरी आशंका है।दरअसल इस दबाव की असल वजह गोवर्धन पुल है। एमएसपी,इंडसिनर्जी,शाकम्भरी के लिए शहर के आउटर पर चलने वाली ट्रके ब्रिज पर आए एकाएक संकट से विषम परिस्थितियों से घिर गई है।इकलौते रास्ते पर ब्रेक लग जाने के बाद अपने गंतव्यों तक जाने शहर की सड़कें ही एकमात्र विकल्प है।इसबीच सेतु विभाग के अधिकारी इस संकट को जल्द से जल्द दूर करने के बजाय ऐसी की ठंडी हवाओं में नींद में गाफिल है। अपने सुस्त चाल की वजह से पहले ही चर्चित विभाग मरम्मत के मामले में पूरी उदासीनता बरत रहा है””
रायगढ़/बदलता छत्तीसगढ़/ पूर्वांचल को रायगढ़ घरघोड़ा मुख्य जोड़ने वाली गोवर्धन पुल अपने घटिया निर्माण और हुए गफलतबाजी के कारण निर्धारित समय से पहले अपनी अंतिम सांसे गिर रहा है। मरम्मत के अभाव में पिछले दिनों लगातार ट्रकों के दौड़ने से पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। ब्रिज के रास्ते मे गड्ढे आ जाने और छड़ो के बाहर निकलने के बाद ट्रको के चलना मतलब हादसे को न्यौता देना है। इसबात को देखते हुए ब्रिज में आवागमन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।
रिपेयरिंग को विभाग नही गंभीर
सेतु विभाग गोवर्धन पुल के रिपेयरिंग के मामले में पूरी तरह से उदासीनता बरत रहा है।ब्रिज टूटे चार दिन का लंबा फासला गुजर गया है,लेकिन फिर भी ब्रिज के मरम्मत को लेकर कोई पहल नही गई है। विभागीय सुस्ती के वजह से शहर की सड़कों का कचूमर निकलना शुरू हो चुका है।