रायगढ़/बदलता छत्तीसगढ़। आपसी रंजिश को लेकर जेएसडब्ल्यू के सेंट्रल स्टोर में दिनदहाड़े कुल्हाड़ी से साथी कर्मचारी पर प्राणघातक प्रहार करने के सनसनीखेज मामले में आखिरकार 6दिनों तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने वाले श्रमिक ने अंततः आज अंतिम सांस ले ली। बता दे कि सोमवार की दोपहर तकरीबन 12.30 बजे आम दिनों की तरह जेएसडब्ल्यू के सेंट्रल स्टोर में कर्मचारी अपने कार्य से संबंधित उपकरण और अन्य सामान लेने आये हुए थे।श्रमिको की भीड़ भाड़ बनी हुई थी। यह वही समय था जब समीपस्थ मुरा गांव का रहने वाला चंद्रशेखर यादव उम्र 30 वर्ष कर्मचारियों को जरूरी सामान देने में लगा हुआ था। इसी समय मौका देखकर स्टोर में ही कार्य करने वाले रत्नाकर ने चंद्रशेखर के गले मे धारदार कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया। कुल्हाड़ी का प्रहार इतना घातक था कि उक्त श्रमिक रक्त रंजित हालत में मौके पर ही मूर्छित हो गया। इस बीच मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह बीच बचाव करते हुए पहले तो घायल को त्वरित उपचार के लिए अस्पताल में एडमिट कराया तो वही साथी कर्मचारी पर हमले करने वाले आरोपी को दबोच पुलिस के हवाले किया।
आपसी रंजिश और ,,वो,,
अपने दोस्त के खून से हाथ रंगने वाले रत्नाकर और चंद्रशेखर की काफी गाढ़ी दोस्ती थी। दोस्ती का आलम यह था कि दोनों बकायदा एक दूसरे के पारिवारिक कार्यक्रमों में शरीक होने के साथ साथ अक्सर घरों में भी आना जाना था। सूत्रों का दावा है कि किसी महिला के साथ रत्नाकर का प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसकी भनक जब चंद्रशेखर को लगी तो वह मित्र होने के कारण अक्सर टोका टाकी करते रहता था।
जब घर घुसकर की थी मारपीट
सूत्रों का यह भी दावा है कि कुछ दिन पहले आपसी विवाद को लेकर चंद्रशेखर यादव और रत्नाकर के बीच जमकर विवाद हुआ था। जिसमें किराए के घर मे रहने वाले रत्नाकर की पिटाई चंद्रशेखर के दोस्तो ने उसके घर मे घुसकर की थी। माना जा रहा है कि इसी विवाद के फलस्वरूप रत्नाकर ने कत्ल के वारदात को अंजाम दिया होगा। बहरहाल पुलिस पूरे मामले से पर्दा हटाने तहकीकात में जुट गई है।
आंदोलन को लेकर मंथन
चंद्रशेखर अपने परिवार का इकलौता चिराग था। गरीब बूढ़े माता पिता के इकलौते संतान के निधन के बाद पूरे परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव में भी ग्रामीणों का वह चहेता था। यही वजह है कि चंद्रशेखर की मौत ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है। गांव में जवान युवक की मौत के बाद जेएसडब्ल्यू कम्पनी के खिलाफ आंदोलन करने न सिर्फ ग्रामीणों के बीच मंथन शुरू हो चुका है बल्कि बकायदा रविवार को शव रखकर धरना प्रदर्शन भी करने की तैयारी है। हालांकि आक्रोशित ग्रामीणों के रूख को देखते हुए अभी से समझाइश का दौर भी जारी है।